(भीमपुर श्याम आर्य ) तहसील के रातामाटी में ताप्ती नदी से अवैध खनन करने वाले रेत माफियाओं की सक्रियता बढ़ गई है। यहाँ से रात्रि के समय रेत का खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। रात का फायदा उठाकर खननकर्ता बिना ठेका लिए ट्रॉलियों से रेत भर ले जा रहे हैं। जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लग रही। जानकारी अनुसार क्षेत्र के ग्राम रातामाटी के समीप से होकर बह रही ताप्ती नदी के किनारे से रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रात के अँधेरे में रेत निकालकर ले जाने का काम चल रहा है। भीमपुर भैंसदेही मार्ग पर सड़क किनारे रेत का डंप हर घर के सामने दिखाईं देता है दिन भर रेत का डंप करते है और रेत माफिया रात को लेकर चले जाते हैं आप देख सकते हैं यहाँ से रेत ले जाकर नजदीकी गाँव में निर्माण हो रहे प्रधानमंत्री आवास कार्य में लगाई जा रही है। ग्रामीणों ने बताएं दुगनी कीमत रेट का देना पड़ रहा है ट्रैक्टर मालिको ने बताया कि हमें रॉयल्टी की कोई जानकारी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में रेत बेची जा रही है। मामले को लेकर जब माइनिंग ऑफिसर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में है मैं एक बार देख कर आया हूं मुझे उसे समय ट्रैक्टर उत्खनन करते नहीं दिखाई दिए फिर भी मैं और देख लेता हूं वही रेत खदान ठेकेदार अक्टूबर तक आ जाएंगे मामले की जाँच की जाएगी। इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेत से भरे इन ट्रैक्टर से हादसों का अंदेशा भी बना रहता है। इन वाहनों से सबसे ज्यादा खतरा छोटे वाहनों को रहता है। चांदू मार्ग पर भैंसदेही घाट के रास्ते पर इन भारी वाहनों से खासा खतरा बना रहता है। यहां घाट सेक्शन में वाहनों के रिवर्स होकर बगल से गुजर रहे या पीछे आ रहे वाहनों को चपेट में लेने का डर हमेशा बना रहता है। अवैध रूप से रेत का परिवहन करने के कारण इन वाहनों की गति भी तेज होती है। इधर रातामाटी गांव के अंदर से प्रधानमंत्री सड़कों की क्षमता महज 8 टन वजन तक सहने की होती है। बड़ी मात्रा में रोजाना इन डंपरों टैक्टर के गुजरने से प्रधानमंत्री सड़कों की हालत बदहाल हो गई है। इन वाहनों को भी कहीं कोई बंद करने की जहमत नहीं उठाता।
ऐसा नहीं है कि यहां से केवल रेत ही निकल रही है। जानकारों का दावा है कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कटाई भी जारी है। यहां से निकलने वाला बेशकीमती सागौन रेत के वाहनों में नीचे दबाकर जंगल से बाहर निकाल भी सकते हैं इस तरह से रेत माफिया दोहरा लाभ कमा रहे हैं। रेत के साथ-साथ अवैध सागौन से भी वे तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं सूत्रों से जानकारी यह है रेत खदान के पास दक्षिण वन मंडल के बीट गार्ड व डिप्टी सहित वन विभाग की मिली भगत के कारण ही वन विभाग क्षेत्र से रेत का अवैध उत्खनन होता है
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