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जिसके कारण राहुल चौहान को भारी समर्थन मिल सकता है ऐसी स्थिति में भाजपा और कांग्रेस दोनों का समीकरण बिगड़ सकता है,क्योंकि राहुल चौहान पूर्व में युवा कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष रह कर जमीनी स्तर पर रह कर संगठन में काम कर चुके है,और वर्तमान में भी भाजपा जिला संगठन में जिला महामंत्री रहकर निचले स्तर पर संगठन में काम कर चुके हैं,दोनो ही संगठनों का अनुभव और रणनीति साथ ही दोनो विधायकों का प्रभाव से तीसरे विकल्प के रूप में जीत सुनिश्चित हो सकती है, ये तो आने वाला समय ही बताएगा। दामजीपुरा क्षेत्र में लोकल उम्मीदवार के मुद्दे ने जोर पकड़ा हुआ है राहुल चौहान के पिता सतीश चौहान 1985 में कांग्रेस से विधायक रहे थे उनके बाद पिछले 35 वर्षों से दामजीपुरा क्षेत्र में इनके पिताजी के बाद कोई विधायक नही बना। अब राहुल चौहान के निर्दलीय चुनावी घोषणा के बाद क्षेत्र की जनता में उत्सुकता है, कि उनके क्षेत्र का कोई युवा नेता चुनाव लड़ने जा रहा है जिसके कारण राहुल चौहान को दामजीपुरा क्षेत्र से एकतरफा समर्थन मिल सकता है।
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