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बर्बाद फसल के मुआवजे को लेकर अधिकारी के पैरों पर गिर पड़े किसान। क्या मांग पूरी कर पायेगी मोहन सरकार।

(भैंसदेही शंकर राय)बैतूल के भैंसदेही मैं भारी बारिश के चलते बैतूल जिले के भैंसदेही विकास खण्ड में किसानों की सोयबिन की फसल पीला मोजेक रोग का शिकार होने के बाद बर्बाद हो गयी। मेहनत कश किसानों ने जब अपनी फसल बर्बाद होते देखी तो उन्होंने कृषि विभाग से मदद की दरकार की है। अपनीं मेहनत पानी डूबने के बाद किसान कृषि कार्यालय पहुंचे और मदद दिए जाने के लिए ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान किसानो की निराशा साफ तौर पर देखने को मिली। फसल बर्बाद होने से निराश किसान कृषि अधिकारी के पैरों पर गिर पड़े। और बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाने किगुहार लगाई। कृषि अधिकारी ने किसानों को हर सम्भव मदद का आश्वाशन टी दिया लेकिन किसानों के जख्मो पर सरकारी मरहम कब तक लग पायेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
बारिश अधिक होने से सोयाबीन मक्के की फसल पर यलो मोजेक का खतरा मंडराने लगा है. खेतों में खड़ी सोयाबीन फसल पीली पड़ने लगी है. उसके पत्तों में छेद नजर आने लगे हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. बैतूल जिले के भैंसदेही के ग्राम कौडिया, कौडी,लाहस, धुडियानाई, धुडिया पुरानी, बाड़गांव, सारई, भीकुंड,मंथनी, सहित दो दर्जन से अधिक किसानों की सोयाबीन की खेती तो पीला मोजेक रोग से चौपट हो गई है. वहीं किसानों ने अपनी समस्या को लेकर।
बैतूल के भैंसदेही मैं अतिवर्षा से फसले खराब हो गई। लेकिन अब तक फसलों का सर्वे नहीं किया गया है। इससे नाराज किसानों ने कृषि कार्यालय पहुचकर ज्ञापन सौंपा। किसानों ने अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम से रैली निकाली। किसान हाथो में खराब फसल लेकर नारेबाजी करते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे थे। जहां किसानों ने ज्ञापन देकर बताया कि ग्राम कौडी पहनं 87, कौडियों पहनं 87, लहास पहनं-86, धुडियानई पहन- 86, धुडिया पुरानी पहनं-86, बडगाँव पहनं-86, सरई पहन-85, भिवकुण्ड पहनं 85 के किसानों की फसले अत्याधिक बारिश से खराब हो गई है। 
कृषि विभाग के भैंसदेही के अधिकारी एस.एल टेकाम का कहना है कि हमारे यहां 15 से 20 ग्रामों के कृषकों के ज्ञापन एसडीएम महोदय के नाम से हमें प्राप्त हुए हैं साथी 10 ग्रामों का सर्वे भी हमारे विभाग की ओर से किया जा चुका है एवं क्षेत्र में 150 से 200 हैकटेयर किसानों की सोयाबीन और मक्का की फसल अतिवृष्टि के कारण खराब हुई है। एवं किसानों के खेतों का जब सर्वे किया गया तो उसमें यहां पाया गया है कि जो किसान फसल बीमा राशि और मुआवजे की मांग कर रहा है उनके फैसले 100% अतिवृष्टि और पीला मोजक बीमारी के कारण पूरी तरह से खराब हो चुकी है।

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