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बलदेव उइके साहब जर्जर स्कूलों की हालत क्या आपने देखी, जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हमारे बच्चे, लेकिन साहब तो ऑफिस आते ही नहीं।

(भैंसदेही शंकर राय) बैतूल जिला कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के आदेश के बाद भी अधिकारी कर्मचारी ना तो समय पर ऑफिस पहुंचते हैं और नही इनका आने-जाने का समय होता है कलेक्टर साहब के निर्देश की धज्जियां इन दिनों भैंसदेही के सभी शासकीय कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी और जिला मुख्यालय से अप डाउन करने वाले कर्मचारी कर रहे हैं। जनपद शिक्षा केंद्र भैंसदेही में पदस्थ प्रभारी बी.आर.सी बलदेव उइके साहब भी कुछ ऐसे ही है। साहब तो समय पर ऑफिस आते ही नही और नहीं ऑफिस में पड़ी फाइलों पर साइन करने के लिए भी इनके पास समय तक नहीं है जिसके कारण ऑफिस में बैठे कर्मचारी भी साहब की रास्ता देखकर वह भी परेशान हो जाते हैं और समय पर अपना काम नहीं कर पाते है।

जनपद शिक्षा केंद्र में पदस्थ बलदेव उइके साहब हमेशा ही इनकी गैर मौजूदगी कार्यालय मैं देखने को मिलती है साहब ना तो कभी फील्ड पर जाते हैं और ना ही क्षेत्र में संचालित  स्कूलों की हालत तक नही देखते वही स्कूल में किस तरह से बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इसकी तक परवाह उइके साहब को नहीं है जबकि क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल जर्जर पड़े हैं जिसकी शिकायत उनके पास लिखित रूप से स्कूल में पदस्थ शिक्षकों ने दी लेकिन साहब के पास स्कूलों में जाकर निरीक्षण करने का टाइम तक नहीं है। साहब कभी बैतूल मीटिंग का हवाला दे देते हैं तो कभी क्षेत्र में निरीक्षण का लेकिन साहब तो अपने ग्राम में ही हमेशा नजर आ जाते हैं ऐसे में बच्चों के साथ हो रही समस्या को लेकर साहब को कोई फिक्र तक नहीं है।
ऊइके साहब को अगर किसी मीडिया कर्मी ने फोन किया तो साहब के पास फोन उठाने तक का समय नहीं होता और ना ही साहब कॉल बैक करते हैं। जबकि जर्जर स्कूल के बारे में साहब से जानकारी मांगी जाती है तब- तब साहब टालमटोल करकर मीडिया को गुमराह कर देते हैं। साहब की तो बात ही निराली है क्योंकि उइके साहब अपने मनमर्जी के मालिक है कभी भी आओ और कभी भी जाओ। 
बैतूल जिला कलेक्टर वैसे सबसे संवेदनशील जिला कलेक्टर माने जाते हैं लेकिन कलेक्टर साहब भैंसदेही क्षेत्र में अप डाउन करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर आप कब लगाम लगाएंगे हर बार यह कर्मचारी अपनी मनोकल्ली चलते हैं ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों पर लगाम लगा चाहिए और इन्हें मुख्यालय पर रहकर ही अपना काम करना चाहिए इन आधिकारिक कर्मचारियों के मुख्यालय पर नहीं रहने से आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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