(भैंसदेही शंकर राय) नवयुवक दुर्गा रामलीला मंडल समिति के तत्वावधान में दशहरे के मौके पर रावण और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का दहन किया जाएगा। पुतले बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। प्रतिवर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रावण-कुंभकर्ण के पुतले की ऊंचाई बढ़ाई गई हैं। इस बार डिजिटल तकनीक से पुतलों का दहन किया जाएगा। इस बार भी रावण-कुंभकर्ण के पुतलों को बहुत ही आकर्षक तरीके से बनाया गया है। यह पुतले अपनी ओर सबका ध्यान आकर्षित करेंगे। नवयुवक दुर्गा रामलीला मंडल समिति भैंसदेही द्वारा पिछले 78 वर्षों से रामलीला और 20 वर्षों पुतला दहन का बीड़ा उठाया है। समिति का यह अनुकरणी प्रयास इस वर्ष भी जारी रहेगा।
विजयादशमी के दिन अटल बिहारी वाजपेई स्टेडियम सीटी ग्राउंड भैंसदेही में विशाल रावण-कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। समिति के धर्मेंद्र मालवीय ने बताया कि प्रति वर्ष की तुलना में इस वर्ष रावण-कुंभकर्ण के पुतलों की 5-5 फीट ऊंचाई बढ़ाई है। विजयादशमी के दिन दहन होने वाले रावण और कुंभकर्ण के पुतलों का निर्माण स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया है। बताया जा रहा है कि मनीष कड़वे को पिछले कई वर्षों पुतले बनाने का काम दिया गया है। पुतले बनाने के लिए लगभग एक पखवाड़े से तैयारियां की जा रही है। शनिवार को इन पुतलों को दहन स्थल अटल बिहारी वाजपेई स्टेडियम में खड़ा कर दिया जाएगा। पुतले बनाने के लिए मजदूरों को कई दिनों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। पुतले निर्माण के लिए बांस, कागज सहित अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।

रामलीला मंडल अध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि इस बार भी रावण और कुंभकर्ण के पुतले अट्टाहास करते नजर आएंगे। पुतलों में लाइटिंग भी लगाई गई है। रात के समय यह लाइटिंग जलेगी। अंधेरे में समय यह पुतले और भी ज्यादा आकर्षक दिखाई देंगे। पुतलों की आंखों में एलईडी लाइट लगाए गए है। जब यह एलईडी लाइट रात के समय चमकेंगे तो पुतले और भी आकर्षित करेंगे। इस बार रावण-कुंभकर्ण के पुतलों का डिजिटल तरीके से दहन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पहले पुतलों का दहन तीर मारकर किया जाता था, लेकिन इस बार डिजिटल तरीके से पुतलों का दहन किया जाने को लेकर हम प्रयास कर रहे हैं।
