(भैंसदेही शंकर राय) बैतूल जिले के छोटे से अंचल भैंसदेही में जन्मे दुर्गाचरण ठाकुर राजा भैय्या के लिए राजनीति सामाजिक पितन और सेवा का माध्यम रही है। और यही वजह है कि वे लगातार सामाजिक समाज के उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। सन् 1948 में नवरात्र के दिनों में जन्मे राजा भैय्या को इसी वजह से उनके दादा ने दुर्गाचरण नाम दिया था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा भैंसदेही में कर जामठी स्थित भारत भारती आवासीय विद्यालय में हायर सेकंडरी तक अध्ययन किया जिसके लिए बाद उन्होने जे.एच. कालेज से बी.कॉम की डिग्री ली।
![](http://purnaexpress.in/wp-content/uploads/2024/10/FB_IMG_1728563298322.jpg)
शुरू से ही सामाजिक सेवा की भावना के चलते उन्होंने किया और वे बैतूल आए दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरित राजनीति की ओर रूख होकर जनसंघ से जुड़ गए। जन संघ के भाजपा बनने पर उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर संगठन के लिए लगातार कार्य किए। सन् 1996 से 2007 तक स्व. सांसद विजय कुमार खंडेलवाल के सांसद प्रतिनिधि के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहे। समाजसेवी राजा ठाकुर ने राजनीति के साथ-साथ समाज के हित में कई कार्य भी किए हैं। उन्होंने आदिवासी अंचल में धर्मांतरण को रोकने के लिए सैकड़ों आदिवासियों को समझाईश देकर वापस अपने धर्म मैं मिलाया।
उन्होंने आदिवासी अंचल में लव जिहाद के मामलों में भी क्षेत्र की आदिवासी युवतियों को गलत हाथों में जाने से बचाया युवतियों की सनातन धर्म में शादियां भी करवाई। आज भी वे धर्मांतरण को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं जिला पंचायत सदस्य के रूप में वे ग्रामीणों, किसानों की समस्याओं को लेकर हमेशा प्रयासरत रहते हैं जिससे आदिवासी किसानों, ग्रामीणों को भटकना न पड़े। उन्होंने जिला पंचायत सदस्य रहते हुए क्षेत्र में कई विकास के कार्य करवाए हैं।
आदिवासी अंचलों में लगातार दौरा करने के चलते उन्हें गोंडी एवं कोरकू बोली भी वे आसानी से समझ लेते हैं साथ ही बोल भी लेते हैं और यही वजह है कि गरीब आदिवासी अपनी भाषा में सहज और सरल तरीके से उन्हें समस्याएं बता देते हैं। उनकी कोशिश होती है कि आदिवासी गरीब ग्रामीणों की समस्याओं का हर संभव निदान हो जाए समाजसेवी राजा ठाकुर का मानना है कि आज समाज में संयुक्त परिवार की धारणा धीरे-धीरे समाप्त होते जा रही है, ऐसा नहीं होना चाहिए। परिवारजनों का इकट्ठे रहना परिवार की सबसे बड़ी ताकत है। उनका कहना एवं इन था कि लोग वापस संयुक्त परिवारों की ओर लौटे जिससे सभी की जिंदगी खुशहाल रहे।
![](http://purnaexpress.in/wp-content/uploads/2021/01/cropped-PRIYA-SARV-UTTHAN-SEVA-SANSTHAN-3.png)