(भैंसदेही शंकर राय) सच कहावत है कि अगर कर्म के प्रति सच्ची लगन हृदय में हो तो अपनी मेहनत से इतिहास रचा जा सकता है। ऐसा ही कीर्तिमान बहुत काम समय में पूर्णा नगरी भैंसदेही की संगीत के प्रति समर्पित है। होनहार मेधावी बिटिया पूर्वी सोनारे ने उदयीमान सुरीली गायिका के रूप में पूरे क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल कर परिवार नगर को गौरांवित किया है।बाकायदा अपनी संगीत की निरंतर साधना के बाद पूर्वी ने जागरण, सुगम, आरकेस्ट्रा, के मंच पर मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर प्रसिद्धि के साथ जमकर तालियों बटोरी है जो काबिले तारीफ है।
पूर्वी सोनारे अपलेक्स पब्लिक स्कूल में कक्षा आठवीं की छात्रा है तथा नगर के प्रतिष्ठित सोनारे परिवार कृष्णा सोनारे एवं शिक्षिका शारदा सोनारे की लाडली बिटिया एवं अशोक सोनारे की लाडली भतीजी है संगीत की ओर गायन में पूर्वी की अभिजीत को देखकर उनके माता-पिता विशेष रूप से पूर्वी को प्रति कदम प्रोत्साहन देकर आगे बढ़ाया इसी बात का परिणाम है कि पूर्वी नगर की खव्यतिलुवध सुरमई सिंगर के रुप आगे बढ़ रही है।
इतना ही नहीं पूर्वी स्वयं हारमोनियम बजाकर अपनी गायकी में चार चांद लगाती है साथ ही इनकी आवाज में विवाह के मंगलाष्टक तो सुनते ही बनते हैं छिंदवाड़ा में प्रदेश स्तरीय संगीत स्पर्धा ऑडिशन में पूर्वी सोनारे ने द्वितीय स्थान पाकर अपनी गायकी का प्रदर्शन कर नगर एवं परिवार का बेहतरीन सम्मान भी बढ़ाया है।
