(भैंसदेही शंकर राय) सच ही कहा है कर्मक के प्रति सच्ची लगन हो तो इतिहास बदल जाता है। जी हा ऐसा ही बेमिसाल निर्भीक और आत्मविश्वास से भरा उदाहरण और जीवित सच है। मुलताई की एक महिला ढाबा चलाकर अपने बच्चों का भरण पोषण कर अपने पति की यादों को भी आगे बढ़ा रही है। मुलताई नागपुर फोरलेन पर कल्पना हारोड़े है। ट्रीट 47 नाम से कुशलता पूर्वक फैमली रेस्ढाटोरेंट ढाबा संचालन कर रही है ओर अपने परिवार का भरने पोषण कर रही है।
हालांकि ढाबा संचालन और महिला द्वारा चलाया जाना एकदम सुनने में आश्चर्य जैसा लगता है परंतु कल्पना हारोड़े ने अपनी योग्यता निर्भीकता के साथ आश्चर्य पर। लगा दिया है। बताया गया कि उक्त महिला के पति यशपाल हारोडे़ 2016 से ढाबा संचालित करते थे लेकिन अनायास एक घटनाक्रम होने से उनकी मृत्यु के बाद परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनकी पत्नी कल्पना परआ गई उन्होंने पति के व्यवसाय को आगे बढ़ाने को उचित समझा।
विडंबना देखिए जब उनके पति की मृत्यु हुई तब वहां गर्भवती थी और पति के मृत्यु के एक महीने बाद उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई थी। वहां अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ उनके भविष्य को सुनेहरा बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
कल्पना हारोड़े ने जानकारी देते हुऐ बताया की उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके साथ इस तरह से घटनाक्रम होगा लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने अपने पति के काम को आगे बढ़ाने संकल्प लिया और एक वर्ष निरंतर रेस्टोरेंट फैमिली ढाबे का सचालन करते आ रही है। वहां अपने दो वीडियो और एक बेटे को एक अच्छे स्कूल में पढ़ा रही है।
