(भैंसदेही शंकर राय) मध्य प्रदेश की मोहन सरकार लाख दवे करें की सरकारी अस्पतालों में मरीज को स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर मिल रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर सरकारी अस्पताल मैं मरीज को रेफर करने का रिकॉर्ड बना रहे है। भैंसदेही के समुदय स्वास्थ्य केंद में मरीजों को समय पर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है। जो मरीज रेफर किए जाते हैं, वे निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हो जाते हैं। या फिर उन्हें महाराष्ट्र की ओर जाना पड़ता है। एक सप्ताह में 5, से 10 मरीज भैंसदेही से बैतूल जिला अस्पताल के लिए रेफर किए जाते हैं।
भैंसदेही समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए हर दिन 125 से 150 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें से कुछ ऐसे मरीज होते हैं, जिन्हें सुविधाओं के अभाव में इलाज नहीं मिल पाता। अस्पताल के जिम्मेदार लोग मरीजों को रेफर कर छुटकारा पा लेते हैं। बेहतर इलाज के लिए मरीजों को 60 से 100 किलोमीटर तक भागदौड़ करनी पड़ती है। या तो इन्हें बैतूल जाना पड़ता है या फिर महाराष्ट्र की ओर रुक करना पड़ता हैं ।
भैंसदेही के समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार के दिन भी कुछ ऐसा मामला सामने आया जहां उमड़ला गांव के एक 21 वर्षीय युवक प्रकाश कस्देकर ने कीटनाशक दवाई पीली थी जिसे इलाज के लिये भैंसदेही समुदाय स्वास्थ्य केंद लाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा तत्काल तो उसका उपचार कर दिया गया लेकिन उसे 10 मिनट के भीतर बैतूल जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जिससे यहां साफ होता है कि स्वास्थ्य केंद्र में संसाधनों की कामी और बेहतर इलाज नहीं होने की वजह से मरीज को या तो जिला अस्पताल या महाराष्ट्र की ओर जाना पड़ता है।
इनका कहना
बैतूल जिला चिकित्सा अधिकारी राजेश परिहार ने कहा की डॉक्टर को मरीज को पहले प्राथमिक उपचार देना चहिए। और अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए रेफर करना कोई सोल्यूशन नहीं है। लापरवाही करने वाले डाक्टर पर भी कार्रवाई करेंगे। जल्द हीअस्पताल का निर्माण करूंगा।
