(भैंसदेही शंकर राय) भैंसदेही के सावलमेंढा में 5 मई को आयोजित हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में 739 जोड़ों ने सात फेरे लेकर जीवनभर साथ निभाने का संकल्प लिया। इस आयोजन में कुल 745 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें 6 मुस्लिम जोड़ों ने अपने धार्मिक रीति-रिवाजों से निकाह किया। हर धर्म के जोड़ों की शादी उनकी परंपराओं के अनुसार कराई गई, जिससे यह सम्मेलन सामाजिक समरसता और धार्मिक सौहार्द की मिसाल बन गया। विवाह समारोह में हजारों की संख्या में क्षेत्र से आई जनता ने वर वधु को अपना आशीर्वाद प्रदान किया वही जनपद द्वारा विवाह समारोह में की व्यवस्था को विधायक से लेकर जनप्रतिनिधि अधिकारियों ने जनपद पंचायत के कार्य की प्रशंसा भी की है।

इस विशाल कार्यक्रम की संपूर्ण जिम्मेदारी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी देवेंद्र दीक्षित और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शैलेंद्र हनोतिया ने अपने कंधों पर ली। बारिश के बावजूद दोनों अधिकारी देर रात तक विवाह स्थल पर मौजूद रहे। हर व्यवस्था को खुद जाकर देखा, दूल्हा-दुल्हन की बैठने की व्यवस्था से लेकर भोजन, मंच और विवाह मंडपों तक हर पहलू पर बारीकी से निगरानी रखी गई। जब आमतौर पर अफसर सिर्फ मंच पर नजर आते हैं, तब सावलमेंढा में जनपद पंचायत सीईओ देवेंद्र दीक्षित और शैलेंद्र हनोतिया बारिश में भीगते हुए भी जमीनी स्तर पर सक्रिय दिखे। सीईओ देवेंद्र दीक्षित देर रात तक कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे और जब तक के सारी व्यवस्था फाइनल नहीं हुई तब तक के वहां अपने मुख्यालय नहीं पहुंचे ऐसे जिम्मेदार अधिकारी बहुत कम मिलते हैं जो शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पूरी जिम्मेदारी से कर्तव्य निभा रहे हैं।

कार्यक्रम में भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेंद्र सिंह चौहान, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधाकर पवार, वरिष्ठ नेता राजा ठाकुर, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती यशवंती संजय धुर्वे, नगर परिषद अध्यक्ष, मनीष सोलंकी, जनपद उपाध्यक्ष पवन परते, पूर्व नपा अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर पूर्व जिला उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह ठाकुर, जनपद सदस्य रिषभदास सावरकर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवी सिंह ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष केशर लोखंडे, निलेश सिंह ठाकुर, नितिन गौतम, सूरजलाल जावरक, के साथ भाजपा के सभी मंडल अध्यक्ष एवं अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने में सभी विभागों की समन्वित भूमिका रही। यह सामूहिक विवाह सम्मेलन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संबल बना, समाज में एक सकारात्मक संदेश भी गया कि सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोग एक मंच पर आकर सामाजिक परंपराओं को मजबूती दे सकते हैं।

जरूरतमंद बेटियों के लिए राहत बनी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत पात्र कन्याओं को उनके विवाह के समय कुल 55 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें 49 हजार रुपये का चेक सीधे कन्या के नाम से दिया जाता है ताकि वह अपने नए जीवन की शुरुआत सशक्त रूप से कर सके, जबकि 6 हजार रुपये विवाह समारोह के आयोजन के लिए दिए जाते हैं। इस योजना का लाभ वही परिवार उठा सकते हैं जो मध्य प्रदेश के मूल निवासी हों, जिनकी कन्या की उम्र कम से कम 18 वर्ष और वर की उम्र 21 वर्ष हो। योजना का बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना है, जिसका क्रियान्वयन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है।
