(भैंसदेही शंकर राय )भले ही मतगणना होने को अभी एक सप्ताह शेष है पर प्रत्याशियों के दिलों की धड़कने तेज हैं। कौन जीतेगा कौन हारेगा यह तो भविष्य के गर्भ में समाया हुआ है, लेकिन 3 दिसम्बर की स्तिथि को लेकर प्रत्याशियों के साथ-साथ आम मतदाता भी काफी उत्सुक नजर आ रहा है, लेकिन मतगणना के बाद क्या स्थिति बनती है। इसके समीकरण भी बनने लगे हैं। राजनीति के जानकारों की माने तो सरकार किसी की भी बने बैतूल जिले की पांच में से तीन विधानसभाओं में मंत्री पद मिलने की संभावनाएं अभी से नजर आ रही हैं। इसकी वजह यह है कि कई प्रत्याशी ऐसे है, जिन्हें अपने सीनियर होने के साथ-साथ समाज के प्रतिनिधित्व का भी लाभ मिल सकता है। जिसकी बानगी मंत्री का पद मिलने के रूप में देखने को मिल सकती है।
यदि इस बार फिर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार काबिल होती है तो धरमू सिंग सिरसाम की मंत्री मंडल में लॉटरी लग सकती है। भैंसदेही विधानसभा मे भी कुछ यही समीकरण निर्मित होते नजर आ रहे हैं। यहाँ कांग्रेस के धरमु सिंग सिरसाम और भाजपा के महेंद्र सिंग की राजनीति और अनुभव भी उन्हें मंत्री पद की तरफ खींचता नजर आ रहा है। यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है ओर धरमु चुंनाव जीत जाते हैं। तो वे तीसरी बार विधायक का चुंनाव जीतकर सीनियर पॉलिटिशियन्स में शामिल हो जाएंगे। धरमु को आदिवासी कोटे से मंत्री भी बनाया जा सकता है।
इसके ठीक विपरीत भाजपा के महेंद्र सिंह भी मंत्री पद के तगड़े दावेदारों के रूप में उभरकर सामने आ सकते हैं, क्योंकि भैसदेही विधान सभा से महेंद्र छठवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं । इसके पहले इसी विधान सभा से उन्होंने तीन बार विधायकी हासिल कर विधान सभा का नेतृत्व किया तो दो चुंनाव हार भी चुके हैं। इस चुंनाव मे यदि महेंद्र पर फिर क्षेत्र की जनता विश्वास करती है और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो महेंद्र सिंह भी मंत्री पद के प्रबल दावेदारों की सूची में शामिल हो जाएंगे, क्योंकि इसी क्षेत्र से वे चौथी बार चुनाव जीतकर जहां विधान सभा मे अपने क्षेत्र का चौथी बार प्रतिनिधित्व करेंगे तो आदिवासी समाज का होने का फायदा भी उन्हें मिल सकेगा। जो भी है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि आने वाला समय किसका कैसा होता है।