(भैंसदेही से शंकर राय) भैंसदेही के झल्लार थाना क्षेत्र में गरीब आदिवासी किसानों को सूदखोरों के चंगुल में फंसाकर उनकी मेहनत की कमाई और कृषि उपकरण हड़पने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सूदखोरों की करतूतें आठनेर क्षेत्र के मामलों जैसी ही हैं, जहां किसानों से ट्रैक्टर और थ्रेसर लेकर उन्हें वापस करने से इनकार कर दिया जाता है। इस मामले में जयस के प्रदेश संयोजक जामवंत कुमरे ने एसपी से मिलकर इस गंभीर समस्या से अवगत कराया। कुमरे ने साक्ष्य के रूप में कई पीड़ित किसानों को भी अपने साथ लाकर उनकी व्यथा सुनाई। जामवंत कुमरे ने बताया कि सूदखोर जितेंद्र राठौर कर्ज चुकाने के बाद भी ट्रैक्टर और कृषि यंत्र वापस
नहीं कर रहे हैं। ऐसे कई सूदखोर हैं जो आदिवासी किसानों को पैसे के नाम पर ठग रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में झलार थाना प्रभारी को भी शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस अधीक्षक से मिलकर इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। झल्लार निवासी लक्ष्मण अखंडे ने बताया कि उसने 25 अगस्त 2023 को भैंसदेही के जितेन्द्र राठौर को अपनी धेसर मशीन दी थी, जिसे लौटाने से अब वह साफ इनकार कर रहा है और पैसे की मांग कर रहा है। अखंडे का कहना है कि जितेंद्र राठौर अब यह भी दावा कर रहा है कि उसे कोई थ्रेसर मंशीन दी ही नहीं गई।
इसी तरह, सोधिया निवासी दिनेश बारस्कर ने बताया कि उसने 18 जनवरी को हिंडंबा थ्रेसर जितेन्द्र राठौर को दी थी. लेकिन पैसे चुकाने के बाद भी वह थ्रेसर लौटाने को तैयार नहीं है। थ्रेसर किसी और को दे दी गई है और उसे वापस मिलने पर ही लौटाएगा। सायगोहान निवासी वासुदेव लोखंडे ने भी आरोप लगाया कि राजेश विजयकर नामक सूदखोर ने उनसे 6 जून 2024 को दो माह के लिए ट्रैक्टर लिया था। पैसे लौटाने के बावजूद अब वह 10 हजार रुपए अतिरिक्त मांग रहा है और पैसे थ्रेसर सर ट्रैक्टर लौटाने से मना कर रहा ग थ्रेसर।
झल्लार थाना प्रभारी मनोज उइके को इस संबंध में 1 बजकर 44 मिनट , 1 बजकर 45 मिनट और फिर 3 बजकर 15 मिनट पर फोन किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया था थाना प्रभारी वैसे भी पत्रकारों के फोन उठाने पर हमेशा से ही परहेज करते हैं।
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